गांधीनगर: विजय रूपानी ने 11 सितंबर, 2021 को राज्यपाल आचार्य देवव्रत को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. भाजपा के वरिष्ठ केंद्रीय नेता और संगठन मंत्री बी.एल. सतोश गुरुवार को विशेष रूप से उनसे मिलने गांधीनगर आए थे और विजय रूपाणी को आलाकमान के फैसले से अवगत कराया था. फैसले की जानकरी मिलने के बाद विजय रूपाणी ने पद छोड़ने का मन बना लिया. जिसके बाद बीजेपी गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भी शनिवार सुबह विजय रूपाणी से मुलाकात की. उसके बाद विजय रूपाणी ने इस्तीफा दे दिया.
विजय रूपाणी के साथ ही राज्य के अन्य कैबिनेट मंत्रियों को भी करारा झटका लगने की संभावना जताई जा रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार नए मुख्यमंत्री के साथ-साथ नए चेहरों को भी कैबिनेट में जगह दी जाएगी. कैबिनेट में केंद्र की तर्ज पर युवा चेहरों को जगह मिल सकती है. 50 फीसदी तक कैबिनेट मंत्रियों की भूमिका भी बदली जा सकती है. मौजूदा कैबिनेट में नोन परफोर्मर मंत्रियों को बदलकर नए चेहरों की नियुक्ति की जाएगी. नए मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों का शपथ ग्रहण 14 या 15 सितंबर को होने की संभावना है.
चल रही चर्चाओं के मुताबिक अगर पाटीदार मुख्यमंत्री बनता है तो नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री के तौर पर अलविदा कहना पड़ सकता है. नितिन पटेल सरकार में वरिष्ठ मंत्री भी हैं. ऐसे में संभावना है कि गुजरात सरकार के लिए अब तक संकट मोचक की भूमिका निभाने वाले प्रदीप सिंह जाडेजा की भूमिका भी बदली जा सकती है.
गुजरात के मौजूदा उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं. इससे पहले भी उनका नाम दो बार रेस में रह चुका है. उनका यह तीसरा प्रयास है.
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