गांधीनगर: भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. लेकिन उनके शपथ के बाद से भाजपा में नाराजगी बढ़ती जा रही है. नए मुख्यमंत्री सभी मंत्रियों को बदलना चाहते हैं. इसकी भनक लगते ही भाजपा में आग लग गई है, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं. बीजेपी हाईकमान गुजरात की सियासी प्रयोगशाला में नो रिपीट थ्योरी को आजमाकर एक नया प्रयोग करने जा रहा है. नितिन पटेल, प्रदीप सिंह जाडेजा और जयेश राडाडिया के अलावा भाजपा आलाकमान ने कुंवरजी बावालिया को बाहर करने का मन बना लिया है. लेकिन वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी के चलते कल होने वाला शपथ ग्रहण समारोह को भी रद्द करना पड़ा था.
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की छुट्टी कर दी जाएगी या फिर किसको नए मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए, इसे लेकर राजधानी गांधीनगर में पाटिल के आवास पर देर रात तक बैठकों का सिलसिला चलता रहा. यह लगभग तय है कि एक भी वरिष्ठ मंत्री की फिर से नियुक्ति नहीं होगी लेकिन पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल पाटीदार समुदाय के एक प्रमुख नेता हैं, प्रशासनिक कौशल है लेकिन उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने पर वह नाराज चल रहे हैं. नितिन पटेल फिलहाल बीजेपी नेता मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल और प्रदीप सिंह जाडेजा के बीच बीती रात करीब एक घंटे तक बंद कमरे में बैठक चली. प्रदीप सिंह जाडेजा क्षत्रिय समाज का चेहरा हैं. इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान सराहनीय कार्य किया और सरकार का सम्मान बचाया था. इसके अलावा भू-माफियाओं को लेंडग्रेबिन कानून बनाकर भूमि हथियाने वालों को जेल के हवाले कर वह एक सक्षम गृह मंत्री हैं इसका सबूत दे चुके हैं.
इसी तरह सौराष्ट्र पाटीदार समाज पर जयेश राडाडिया की पकड़ है, वह युवा और प्रौद्योगिकी मंत्री हैं. लेकिन अगर पार्टी आलाकमान उनका पत्ता काटती है तो पाटिदारों के नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा कुंवरजी बावलिया को कैबिनेट में शामिल न करने का फैसला लगभग तय हो चुका है, इसे देखते हुए कोली समुदाय बीजेपी से मुंह मोड़ने की तैयारी कर रहा है. बीजेपी के लिए इन चार प्रभावशाली नेताओं को मंत्री नहीं बनाना महंगा पड़ सकता है.
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