उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में GST काउंसिल की 45वीं बैठक में आम आदमियों को बड़ा झटका दिया गया है. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल करने से काउंसिल ने इनकार कर दिया गया. लेकिन जीएसटी काउंसिल ने कोरोना की दवाओं पर जीएसटी छूट बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर दिया गया. इस बैठक में कई चीजों पर लगने वाले जीएसटी दर घटा दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लखनऊ में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक के बाद कहा कि क्या पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, इस मुद्दे पर कोर्ट के निर्देश के चलते चर्चा हुई. कई सदस्यों ने साफ तौर पर कहा कि वे नहीं चाहेंगे कि इसे जीएसटी के दायरे में लाया जाए.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक में फैसला लिया गया है कि कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं. ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं. ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है. इसपर अब जीएसटी नहीं लगेगा. ज़ोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं.
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि कोरोना से संबंधित दवाओं पर जीएसटी दरों में छूट दी गई थी जो 30 सितंबर तक लागू थी. अब इस छूट को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाया गया है. जीएसटी दरों में ये छूट सिर्फ दवाइयों में दी जाएगी, पहले जो लिस्ट जारी की गई थी उसमें कई तरह के दूसरे उपकरण भी शामिल थे.
एम्फोटेरिसिन-बी और टोसीलिज़ुमैब पर जीएसटी नहीं लगेगा. लेकिन रेमडेसिविर और हेपरिन पर 5% जीएसटी लगेगा. ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी. निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% की गई है.
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