अहमदाबाद: मुंद्रा बंदरगाह से 23,000 करोड़ रुपये की हेरोइन की जब्ती की जांच अब देश की सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है. अभी तक मामले की जांच डीआरआई कर रही थी. डीआरआई इस मामले में अब तक 10 लोगों को हिरासत में ले चुकी है. ड्रग्स का ऑर्डर देने वाले एक दंपत्ति सहित लोगों के खिलाफ एनडीपीएस का अपराध दर्ज किया गया है. गुजरात में कई बार ड्रग तस्करी के मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन एनआईए अब सच सामने लाएगी कि मुंद्रा बंदरगाह से इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स को उतारने में कौन शामिल था.
13 सितंबर को डीआरआई को मुंद्रा के बंदरगाह पर अफगानिस्तान और ईरानी बंदरगाह से लदे दो कंटेनर मिले. जांच 2988 किलोग्राम ड्रग्स होने का खुलासा हुआ. जब्त ड्रग्स की कुल कीमत करीब 23000 करोड़ रुपये है. इसके बाद डीआरआई ने ड्रग्स का ऑर्डर देने वाले दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है, गिरफ्तार किए गए 7 ईरानी नागरिक भी थे. अब एनआईए को तालिबान के ड्रग्स कनेक्शन की जांच का काम सौंपा गया है.
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद आतंकी फंडिंग के लिए धन जुटाने के लिए ईरान के माध्यम से भारत में ड्रग्स की तस्करी की साजिश का अनुमान लगाया जा रहा है. एनआईए ड्रग्स मामले में मुंद्रा पोर्ट की भूमिका की भी जांच करेगी. इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या मुंद्रा पोर्ट का कोई अधिकारी इस मामले में शामिल था.
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