केरल हाईकोर्ट ने कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को लेकर केंद्र को नोटिस जारी किया है. केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर के बिना कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्र की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा है.
कोट्टायम निवासी याचिकाकर्ता एम पीटर ने तर्क दिया कि मौजूदा टीका प्रमाणपत्र एक नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और प्रधानमंत्री की तस्वीर के बिना वाले प्रमाण पत्र की मांग किया.
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता ने संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया, इज़राइल और जर्मनी सहित कई देशों के टीकाकरण प्रमाण पत्र भी कोर्ट में पेश किया. जिसमें प्रमाण पत्र की सभी आवश्यक जानकारी है, न कि सरकार के प्रमुखों की तस्वीर. याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि उन्हें प्रमाण पत्र अपने साथ कुछ जगहों पर ले जाना था. लेकिन प्रमाण पत्र में पीएम की तस्वीर की कोई प्रासंगिकता नहीं थी. सरकार चाहे तो लोगों को बिना किसी तस्वीर के सर्टिफिकेट लेने का विकल्प दिया जा सकता है.
याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता अजीत जॉय के माध्यम से दायर अपनी याचिका में कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई को जनसंपर्क और मीडिया अभियान में बदल दिया गया है. जिससे यह आभास होता है कि यह वन मैन शो है और पूरा अभियान एक व्यक्ति को प्रोजेक्ट करने का है. यह सब सरकारी खजाने पर किया जा रहा है. लोगों को पीएम मोदी की तस्वीर के बिना वैक्सीन प्रमाण पत्र प्राप्त करने का पूरा अधिकार है.
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