प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय अंतरिक्ष संघ की शुरुआत की. इस मौके पर अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि 20वीं सदी में स्पेस और स्पेस पर राज करने की प्रवृत्ति ने दुनिया के देशों को किस तरह विभाजित किया. अब 21वीं सदी में स्पेस, दुनिया को जोड़ने में, यूनाइट करने में अहम भूमिका निभाए, ये भारत को सुनिश्चित करना होगा.
‘लॉन्च ऑफ इंडियन स्पेस एसोसिएशन’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज जितनी निर्णायक सरकार भारत में है, इतनी पहले कभी नहीं रही. स्पेस क्षेत्र और स्पेस तकनीक को लेकर आज भारत में जो रिफॉर्म हो रहे हैं, वो इसी की कड़ी है. मैं इंडियन स्पेस एसोसिएशन के गठन के लिए बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.
PM मोदी ने आगे कहा कि आज देश के दो महान सपूतों, भारत रत्न जय प्रकाश नारायण जी और भारत रत्न नानाजी देशमुख की जन्म जयंती भी है. आजादी के बाद के भारत को दिशा देने में इन दोनों महान व्यक्तित्वों की बहुत बड़ी भूमिका रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम स्पेस रिफ़ॉर्म्स की बात करते हैं, तो हमारी अप्रोच 4 स्तंभों पर आधारित है. प्राइवेट सेक्टर को इनोवेशन की आज़ादी, सरकार की संबल के रूप में भूमिका, भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करना और स्पेस सेक्टर को सामान्य मानवी की प्रगति के संसाधन के रूप में देखना. आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक विजन नहीं है बल्कि एक सुविचारित, सुनियोजित एकीकृत आर्थिक रणनीति भी है. एक ऐसी रणनीति जो भारत के उद्यमियों, भारत के युवाओं के कौशल की क्षमताओं को बढ़ाकर, भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावर हाउस बनाए.
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