अहमदाबाद: कोरोना काल में जहां कई धंधे ठप पड़े हैं, वहीं दशहरे के मौके पर रावण दहन के लिए रावण बनाने के कारोबार पर कोरोना का ग्रहण लग गया है. जिससे कारोबार में जुड़े ठेकेदार और कारीगरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है. इन कारीगरों को अभी तक सिर्फ 25 रावण का पुतला बनाने का ऑर्डर मिला है.
गुजरात में दशहरा के उत्सव का बहुत महत्व है. नागरिक रावण दहन कर दशहरा का जश्न मनाते हैं. हर साल इन दिनों रावण बनाने का काम करने वाले कारीगरों के पास काफी काम होता था. लेकिन इस साल यह कारीगर खाली हाथ बैठे हुए हैं. दरअसल यह कुशल कारीगर उत्तर प्रदेश के आगरा से अहमदाबाद में हर साल इन दिनों में आते हैं. हर साल ठेकेदारों को पूरे गुजरात से 90 से 100 छोटे और बड़े आकार के रावण बनाने का ऑर्डर मिलता था.
लेकिन इस साल कोरोना महामारी और पुलिस की अनुमति न मिलने के कारण पूरे गुजरात में रावण बनाने के ऑर्डर में भारी कमी आई है.
कोरोना की वजह से अहमदाबाद में रावण के पुतले बनाने वालों को कम ऑर्डर मिल रहे हैं. रावण का पुतला बनाने वाले एक व्यक्ति ने बताया, “कोरोना की वजह से हम लोगों ने इस बार 20-22 पुतले बनाए हैं. पहले हम 90-100 पुतला बनाया करते थे. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से हमें कम ऑर्डर मिले हैं.”
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