संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है. लेकिन इस दौरान हंगामा करने की वजह से राज्यसभा के 12 सदस्यों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया. सत्र की कार्यवाही का दूसरा दिन शुरू होते ही विपक्ष ने सांसदों के निलंबन को लेकर हंगामा शुरू कर दिया और राज्यसभा और लोकसभा से वॉकआउट कर दिया.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीरंजन चौधरी ने कहा कि यहां पर ज़मींदारी या राजा नहीं है कि हम बात-बात पर इनके पैर पकड़ें और माफी मांगे. ये ज़बरदस्ती क्यों माफी मंगवाना चाहते हैं. इसे हम बहुमत की बाहुबली कह सकते हैं. ये लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट चल रहा है. सरकार का ये नया तरीका है. हमें डराने का, धमकाने का, हमें जो अपनी बात रखने का अवसर मिलता है उसे छीनने का नया तरीका है.
राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कल भी हमने उनसे कहा कि आप लोग माफी मांग लीजिए, खेद व्यक्त कीजिए. लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया, साफ इनकार किया. इसलिए मज़बूरी में हमें ये फैसला लेना पड़ा. उन्हें सदन में माफी मांगनी चाहिए.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इस मामले को लेकर विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछली बार सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा की गई हरकत से हम शर्मिंदा हुए. संसद की गरिमा को बरकरार रखने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने पड़ते है और वही किया गया है. इसमें बंगाल भी बदनाम हो रहा है. TMC के नेता त्रिपुरा भी गए वहां भी उन्होंने हुड़दंग मचाया.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/kejriwal-omikron-affected-country-stop-flights/