नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला बिल मोदी सरकार ने दोनों सदनों में बिना चर्चा के पारित कर दिया था. इस दौरान विपक्षी दल से जुड़े लोग बिल पर चर्चा करने की मांग करते रहे. लेकिन चर्चा नहीं हुआ लेकिन हंगामा करने वाले राज्यसभा के 12 सदस्यों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड जरूर कर दिया गया.
सदन की कार्यवाही के दूसरे दिन 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां का हंगामा जारी रहा. इतना ही नहीं विपक्षी दल ने मांग न पूरी होने पर लोकसभा और राज्यसभा से वॉकआउट किया. कल जिन 12 राज्यसभा के सांसदों को निलंबित किया गया था. वह 23 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल के सदस्य आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही निलंबन के मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू कर दिया.
मंगलवार यानी आज सत्र की कार्यवाही का दूसरा दिन शुरू होते ही विपक्ष ने सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग किया. इसके जवाब में सभापति ने कहा कि निलंबित सांसदों ने अफसोस नहीं जताया है. मैं विपक्ष के नेता (मल्लिकार्जन खडगे) की अपील पर विचार नहीं कर रहा हूं. निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा. उनके इस जवाब के बाद विपक्षी दल के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
विपक्षी दलों ने राज्यसभा के 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया. उससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के बाद भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दलों ने संसद में बैठक की. बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मौजूद रहे.
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