पटना: बिहार में जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है. जहां केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने से इनकार कर दिया है, वहीं बिहार की नीतीश सरकार ने अपने दम पर जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला किया है. जबकि जाति आधारित जनगणना का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. इसके लिए जल्द ही बिहार में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जाएगा.
यह जानकारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी, कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि हम राज्य में अन्य दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं. जल्द ही इस मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. उम्मीद है कि इस बार सभी पक्ष इस मामले को लेकर सहमत होंगे.
जाति आधारित जनगणना कैसे और किस माध्यम से कराई जाए, इसकी तैयारी की जाएगी. नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पूरा खर्च उठाने को तैयार है. जनगणना के समय लोग उप-जाति का भी उल्लेख करेंगे, जिसमें उप-जाति और जाति दोनों दिखाई देंगे. लोगों को जाति आधारित जनगणना के प्रति जागरुक भी किया जाएगा.
इससे पहले इसी मुद्दे को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने साउथ ब्लॉक पहुंचा था. बिहार के सभी नेताओं ने पीएम मोदी के सामने जाति आधारित जनगणना को लेकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सभी नेताओं ने कहा कि पीएम ने हमारी बातों को ध्यान से सुना. उम्मीद है वह इस मुद्दे को लेकर जल्द फैसला लेंगे. लेकिन शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने के पक्ष में नहीं दिखी थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है.
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