राजकोट: दुनिया भर के 38 से ज्यादा देशों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन ने दस्तक दे चुका है. ओमीक्रॉन वेरिएंट का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में दर्ज किया गया था. गुजरात में भी ओमीक्रॉन दस्तक दे चुका है इसीलिए विषेश सावधानी बरती जा रही है. लेकिन इस बीच राजकोट जिला प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है. ब्रिटेन से लौटने वाला प्रोफेसर बिना क्वारंटाइन विश्वविद्यालय पहुंचकर खुद के साथ ही साथ बच्चे की जान को जोखिम में डाल दिया.
कोरोना के नए रूप ओमीक्रॉन को लेकर लोगों में दहशत बढ़ती जा रही है. इस बीच राजकोट जिला स्वास्थ्य प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है. यूके से आने वाले प्रोफेसर को क्वारंटाइन नहीं किया गया था. जिसके बाद प्रोफेसर डीजी कुबेरकर विश्वविद्यालय पहुंच गए थे. इतना ही नहीं वह इस दौरान कई छात्रों के संपर्क में भी आए.
सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइंस बनाई है. इस मामले में इसका पालन नहीं किया गया है. प्रोफेसर ने अनिवार्य क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन किया है. ओमीक्रॉन की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही शहर में गंभीर बीमारी फैल सकती है.
गौरतलब है कि यूके से लौटने वाले प्रोफेसर को क्वारंटीन नहीं किया गया था, जिसकी वजह से प्रोफेसर डीजी कुबेरकर भी लापरवाही दिखाते हुए विश्वविद्यालय पहुंच गए थे. इस दौरान वह कई छात्रों के साथ ही साथ यूनिवर्सिटी के अन्य प्रोफेसरों से भी मुलाकात की थी. अगर प्रोफेसर डीजी कुबेरकर कोरोना पॉजिटिव या फिर ओमीक्रॉन से संक्रमित पाए जाते हैं तो वह खुद के साथ ही साथ दूसरों की जिंदगी को खतरे में डाल सकते हैं.
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