नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही का आज का दिन भी विपक्ष के हंगामे के भेंट चढ़ गया. हालंकि कि संसद में जारी गतिरोध खत्म करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी लेकिन विपक्ष ने इसमें हिस्सा लेने से इनकार कर दिया. लोकसभा में भारी हंगामे के बीच आज चुनाव सुधार बिल पेश किया गया. केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इस बिल को सदन में पेश किया. असदुद्दीन ओवैसी से समेत विपक्ष ने इसका जमकर विरोध किया.
लोकसभा में चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि आधार कार्ड को वोटर लिस्ट के साथ जोड़ना अनिवार्य नहीं है. ये स्वैच्छिक है. ये वैकल्पिक है. इससे एड्रेस पता करने में मदद होगी, फर्ज़ी वोटिंग को रोकने में मदद होगी. चुनाव सुधार की दृष्टि से ये बहुत ही महत्वपूर्ण बिल है. अभी की प्रणाली में अगर 2 जनवरी तक आपका नाम सूची में नहीं आया तो आपको 1 साल इंतजार करना पड़ता था. अब इसके लिए साल में 4 बार विंडो खुलेगी.
लोकसभा में चुनाव कानून संशोधन विधेयक पारित होने के बाद केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि अधिनियम (1951 के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम) में “पत्नी” शब्द को बदलकर स्पाउस(जीवनसाथी) किया है. चुनाव परिसर अधिग्रहण की सीमा का विस्तार करने के दायरे को बढ़ाया है.
चुनाव कानून संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश करने पर असदुद्दीन ओवैसी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वोटर ID और आधार कार्ड को लिंक करना प्राइवेसी के खिलाफ है. इसे जोड़ कर आप चुनाव आयोग के स्वावलंबन पर सवाल उठा रहे हो. ये बिल अगर कानून बनेगा तो कल मोदी सरकार इस कानून के जरिए मतदाताओं पर दबाव डालेगी.
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