गांधीनगर: सूरत आरटीओ बिना टेस्ट दिए फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कार्यालय में ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर आपराधिक साजिश का पर्दाफाश हुआ है. इस घोटाले को देखते हुए विभाग की ओर से जांच के लिए एक टीम सूरत भेजी गई थी. प्राथमिक जांच में तथ्य सामने के बाद अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराई है.
कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि प्राथमिकी सूरत के आरटीओ अधिकारी ने दर्ज कराई थी. साइबर क्राइम थाना सूरत द्वारा इ. पी. को. धारा 406, 465, 467, 468, 120 (बी) और आईटी एक्ट धारा 66 (डी) के तहत अपराध दर्ज किया गया है. सूरत कार्यालय के सहायक मोटर वाहन निरीक्षक नीलेश टी. मेवाड़ा के साथ साहिल शाहनवाज, इंद्रसिंह खुमानसिंह डोडिया, जश मेहुलभाई पंचाल को हिरासत में लिया गया है. कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक नीलेश मेवाड़ा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी जिसके बाद उसके पुलिस कस्टडी में क्वारंटाइन कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि मोटर वाहन विभाग द्वारा आवेदकों को पारदर्शी तरीके से आसान और तेज सेवा प्रदान करने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं. उपायों का उद्देश्य मुख्य रूप से सेवाओं को सरल बनाना और सिस्टम के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जा जा रही है. गुजरात सरकार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति से कदाचार के खिलाफ हर संभव उपाय कर रही है. बावजूद इसके इस तरीके की घटना आज भी सामने आ रही है.
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