नोएडा: भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र पर किसानों से किए अपने वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सोमवार को पूरे देश में कृषि मुद्दों पर ‘विश्वासघात दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा. किसान संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने रविवार को दावा किया कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा दिए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं. किसानों के साथ हुए धोखे का विरोध करने के लिए यह फैसला लिया गया है. किसान आज विश्वासघात दिन मनाते हुए केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपेगे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र की मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए ट्वीट कर लिखा “सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ कल 31 जनवरी को देशव्यापी “विश्वासघात दिवस” मनाया जाएगा. सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आन्दोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है.!”
सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ कल 31 जनवरी को देशव्यापी “विश्वासघात दिवस” मनाया जाएगा ।
सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आन्दोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है .!#FarmersProtest #विश्वासघात_दिवस pic.twitter.com/dBAlfXCGUI
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 30, 2022
नवंबर 2020 में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले, किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की थी. किसानों का यह विरोध प्रदर्शन एक साल से ज्यादा वक्त तक चला था. लेकिन गुरुपर्व के मौके पर पीएम मोदी अचानक देश को संबोधित कर तीनों को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया था. उनके इस ऐलान को विपक्ष चुनाव के साथ जोड़कर देख रहा है.
सिंधू, टिकरी और गाजीपुर सीमा पर किसानों ने एक साल से अधिक समय तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों का विरोध किया था. लेकिन नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद किसानों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाएं खाली कर दीं. किसानों से मांग पूरी करने का वादा किया गया था लेकिन वह वादे आज भी सिर्फ वादे ही हैं.
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