ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत चीन सीमा विवाद का मुद्दा उठाते हुए एलएसी के मौजूदा हालात को लेकर चीन को जिम्मेदार ठहराया, वैश्विक मंच पर अपनी बात रखते हुए विदेश मंत्री ने आगे कहा कि सीमा की मौजूदा स्थिति चीन के लिखित समझौतों के अवहेलना की वजह से बनी है.
ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि हमने(क्वाड) में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह इस बात का हिस्सा था कि हमारे पड़ोस में क्या हो रहा है. इस बारे में हमने एक दूसरे को जानकारी दी. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें बहुत से देश वैध रूप से रुचि लेते हैं, खासकर यदि वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से हैं.
विदेश मंत्री ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि चीन द्वारा 2020 में सीमा पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. जब एक बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं की अवहेलना करता है, तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है. हमने आतंकवाद और उग्रवाद के बारे में भी चिंताओं को साझा किया. सीमा पार आतंकवाद को लेकर हम गंभीर हैं. बहुपक्षीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने का हमारा साझा प्रयास है.
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न में चौथी क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका की मेजबानी कर रहा है. इस मौके पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीमाओं को खोलने के फैसले का स्वागत करता हूं, जिससे उन लोगों की मदद मिलेगी जो भारत में वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, विशेष रूप से छात्रों और अस्थायी वीजा धारकों को, इस कदम की सराहना की जानी चाहिए.
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