नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेबिनार के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र पर इस साल के केंद्रीय बजट का सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी देश के भविष्य की कर्णधार है और भविष्य के राष्ट्र निर्माता भी हैं. आज की युवा पीढ़ी को सशक्त करने का मतलब है भारत के भविष्य को सशक्त करना है. इसी सोच के साथ 2022 के बजट में शिक्षा क्षेत्र में 5 बातों पर ज़ोर दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहला – यूनिवर्सलाइजेशन ऑफ क्वालिटी एजुकेशन से हमारी शिक्षा व्यवस्था का विस्तार हो, उसकी क्वालिटी सुधरे और एजुकेशन सेक्टर की क्षमता बढ़े, इसके लिए अहम निर्णय लिए गए हैं. दूसरा स्किल डेवलपमेंट है जिससे देश में डिजिटल स्किलिंग इकोसिस्टम बने.
तीसरा महत्वपूर्ण पक्ष है- अर्बन और डिज़ाइन जिससे भारत का जो पुरातन अनुभव और ज्ञान है, उसे हमारी आज की शिक्षा में समाहित किया जाए. चौथा अहम पक्ष है अंतर्राष्ट्रीयकरण जिससे भारत में वर्ल्ड क्लास विदेशी यूनिवर्सिटियां आएं. पांचवा महत्वपूर्ण पक्ष है- AVGC- यानि एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स इन सभी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और एक बहुत बड़ा ग्लोबल मार्केट है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी भारत की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है. डिजिटल यूनिवर्सिटी में वो ताकत देख सकता हूं कि ये यूनिवर्सिटी हमारे देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह से समाप्त कर सकती है. ई-विद्या हो, वन क्लास वन चैनल हो, डिजिटल लैब्स हों, डिजिटल यूनिवर्सिटी हो, ऐसा एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर युवाओं को बहुत मदद करने वाला है. ये भारत के सामाजिक-आर्थिक सेटअप में गांव हों, गरीब हों, दलित, पिछड़े, आदिवासी, सभी को शिक्षा के बेहतर समाधान देने का प्रयास है.
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