मध्य प्रदेश के सीधी जिले से एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां पुलिस ने पत्रकार और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को पहले अर्धनग्न होने के लिए मजबूर किया उसके बाद इनको फोटो खींचकर वायरल भी कर दिया. मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक सफाई दे रहे है. लेकिन हंगामा बढ़ता देख सरकार ने आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है.
मध्य प्रदेश के सीधी में थाने में पत्रकार को अर्धनग्न रखने के मुद्दे पर SHO मनोज सोनी ने कहा कि पकड़े हुए लोग पूरे नग्न नहीं थे. हम सुरक्षा की दृष्टी से उनको हवालात में अंडरवियर में रखते हैं जिससे कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से खुद को फांसी न लगा ले. सुरक्षा की वजह से हम उनको ऐसे रखते हैं.
थाना प्रभारी मनोज सोनी ने आगे कहा कि कुछ दिन पहले थाने में एक आदमी के खिलाफ FIR दर्ज़ हुई थी. यह आदमी फर्जी ID बनाकर प्रतिष्ठित लोगों को अपशब्द बोलता था. आरोपी की तरफ से 25-30 लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया. इन लोगों को हवालात में डाल दिया. इनमें से एक ही पत्रकार है जो यूट्यूब पर काम करता है.
मिल रही जानकारी के अनुसार नीरज नाम के थियेटर आर्टिस्ट ने भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद पुलिस ने विधायक के दबाव में नीरज को जेल के हवाले कर दिया था. पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ जब नीरज के समर्थन में सीधी के कुछ पत्रकार पुलिस स्टेशन पहुंचे तो पुलिस ने पत्रकारों की बेरहमी से पिटाई कर दी. उनके कपड़े उतारकर उनकी फोटो खींची और इन तस्वीरों को वायरल किया गया.
रीवा के आईजी इस मामले को लेकर कहा कि सीधी ज़िले से संबंधित एक फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है. इसको गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी कोतवाली सीधी एवं एक उप निरीक्षक को तत्काल हटा कर पुलिस लाइन संबद्ध किया गया है एवं प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से कराने के निर्देश जारी किए गए है.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/un-russia-human-rights-council-suspended/