गुजरात कांग्रेस नेता और गुजरात के पाटीदार समुदाय के लोगों को आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा के मामले में हार्दिक पटेल को दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है. पटेल ने चुनाव लड़ने के लिए दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाए जाने की मांग की थी.
हार्दिक पटेल ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर सजा को निलंबित करने की मांग की थी ताकि वह 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ सकें. जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए दंगों और आगजनी मामले में अपील पर फै़सला आने तक कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल की सज़ा पर रोक लगाते हुए कहा कि संबंधित उच्च न्यायालय को सज़ा पर रोक लगानी चाहिए थी.
गौरतलब हो कि 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हुई विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुए राज्यव्यापी तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में दर्ज किया था. इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति में आगजनी की गई थी तथा इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गए थे जिनमें कई पुलिस फायरिंग के चलते मरे थे.
पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया था.
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