गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बनासकांठा के दियोदर में स्वागत किया गया. पीएम यहां 600 करोड़ रुपये की लागत से बने बनास डेयरी परिसर और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया. उसके बाद पीएम मोदी ने बनास डेयरी संकुल का जायज़ा भी लिया. इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में गांव की अर्थव्यवस्थाओं को, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को ताकत दे सकता है, ये सब कुछ यहां अनुभव किया जा सकता है.
बनास डेयरी के नए परिसर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बीते 1-2 घंटों में मैं यहां अलग-अलग जगहों पर गया और डेयरी सेक्टर से जुड़ी सरकारी योजनाओं की लाभार्थियों और पशु पालन बहनों से मेरी विस्तार से बात हुई. इस पूरे समय के दौरान मुझे जो जानकारियां दी गई उससे मैं बहुत प्रभावित हूं.
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि बनास डेयरी संकुल, चीज़ और व्हे प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैं, बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है. आलू और दूध का आपस में कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन बनास डेयरी ने ये रिश्ता भी जोड़ दिया. दूध, दही, छाछ, पनीर, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पेटीज जैसे उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है. ये भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा कि इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है, पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है और गोबर से बायो-CNG और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं. इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है, उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है. आज यहां एक बायो-CNG प्लांट का लोकार्पण किया गया है और 4 गोबर गैस प्लांट्स का शिलान्यास हुआ है. ऐसे अनेक प्लांट्स बनास डेयरी देशभर में लगाने जा रही है. ये कचरे से कंचन के सरकार के अभियान को मदद करने वाला है. गोबरधन के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्य हासिल हो रहे हैं.
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