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देश में सैंकड़ों कानून लोगों के लिए बन गए थे बोझ, PM बनते ही खत्म कर दिया 1500 कानून: मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15वें सिविल सेवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित. इस मौके पर पीएम मोदी ने लोक प्रशासन विशिष्टता पुरस्कार से भी अधिकारियों को सम्मानित किया. इस मौके पर पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी को सिविल सेवा दिवस की बधाई. आज जिन साथियों को पुरस्कार मिले हैं उनको और उनकी पूरी टीम को मेरे तरफ से बहुत बधाई. जिन्हें आज पुरस्कार मिला है वो हर हफ्ते वर्चुअली ट्रेनी को अपनी कल्पना और कौन-सी कठिनाई आई उसकी प्रेजेंटेशन दें. इससे नई पीढ़ी को लाभ मिलेगा.

सिविल सेवा से जुड़े अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप जैसे साथियों से इस प्रकार से संवाद मैं लगभग 20-22 साल से कर रहा हूं. पहले मुख्यमंत्री के रूप में करता था और अब प्रधानमंत्री के रूप में कर रहा हूं. उसके कारण एक प्रकार से कुछ मैं आपसे सीखता हूं और कुछ अपनी बातें आप तक पहुंचा पाता हूं. आज़ादी के अमृत काल 75 साल की इस यात्रा में भारत को आगे बढ़ाने में सरदार पटेल का सिविल सर्विस का जो तोहफा है. इसके जो ध्वजवाहक लोग रहे हैं, उन्होंने इस देश की प्रगति में कुछ न कुछ योगदान दिया ही है. उन सभी को स्मरण करना अमृत काल में सिविल सर्विस को ऑनर करने वाला विषय बन जायेगा.

15वें सिविल सेवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने आगे कहा कि हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते हैं इसलिए हमारी व्यवस्थाओं, नियमों और परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30-40 साल लग जाते थे तब ऐसा चलता होगा. लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल-पल के हिसाब से चलना पड़ेगा. देश में सैंकड़ों कानून ऐसे थे, जो देश के नागरिकों के लिए बोझ बन गए थे. प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले 5 साल में मैंने 1,500 ऐसे कानून खत्म कर दिया.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारे सामने तीन लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए, पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन में बदलाव आए और उसे इसका एहसास भी हो, दूसरा- आज हम भारत में कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है. तीसरा- व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता है.

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