केंद्र की मोदी सरकार ने 45 दिनों के अंदर घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की वृद्धि कर आम लोगों की जेब पर डाका डालने की काम किया है. इसके अलावा बीते 2 माह में कमर्शियल सिलिंडर की कीमतों में साढे चार सौ की वृद्धि की गई है. बढ़ती को रोकने में नाकाम मोदी सरकार दावा कर रही है कि कीमतों में वृद्धि यूक्रेन और रूस के बीच होने वाली लड़ाई को लेकर हो रही है. लेकिन सवाल यह उठता है कि चुनाव के दौरान इसका असर क्यों नहीं दिखा जबकि युद्ध उसी दौरान शुरू हो गया था.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गैस की कीमतों में वृद्धि के बाद मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा “मोदी सरकार में रसोई का चुल्हा, महंगाई की आग से जल रहा है, आज सुबह महंगाई की एक और क़िस्त-घरेलू गैस सिलिंडर LPG के दाम भी आज ₹50 और बढ़ गए. 22 मार्च को भी ₹50 बढ़ाए थे, 45 दिन में एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की वृद्धि की गई. कमर्शियल सिलिंडर के दाम भी 60 दिन में ₹457.50 बढ़ गए.
सुरजेवाला ने एक अन्य ट्वीट में लिखा “मोदी सरकार ने गैस सब्सिडी को ख़त्म करके गरीब व मध्यम वर्ग पर कुठाराघात किया है. 2012-13 में कांग्रेस सरकार में LPG सब्सिडी ₹39,558 करोड़ थी, 2013-14 में कांग्रेस सरकार ने ₹46,458 करोड़ गैस सब्सिडी दी, जिसे मोदी सरकार ने 2015-16 में 18 करोड़ ₹ और 2016-17 से जीरो कर दिया.
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी इस मामले को लेकर कहा कि देश की बड़ी समस्या महंगाई है लेकिन सत्ताधारी पार्टी के प्रमुक नेता प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री इस पर नहीं बोल रहे. उनके मुद्दे महाराष्ट्र और पंजाब पुलिस है. सिलेंडर के दाम, बेराज़गारी कितनी बढ़ गई. यूक्रेन-रूस अपना देख लेंगे उस पर बात करने की ज़रूरत नहीं है.
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