ज्ञानवासी मस्जिद सर्वे विवाद को लेकर बयानबाजी करने वाले सपा मुखिया की परेशानी बढ़ सकती है. जहां एक तरफ साधु-संतों ने उनके बयान को लेकर नाराजगी जताई है और माफी मांगने की मांग की है. वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी, अकबरुद्दीन ओवैसी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर वाराणसी की अदालत में आवेदन दिया गया है.
अडिशनल चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट की अदालत में ज्ञानवापी मुद्दे पर इनके बयानों से धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाते हुए अदालत से मांग की गई है कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाए. याचिकाकर्ता वकील हरिशंकर पांडेय के मुताबिक कोर्ट आज इस मामले पर सुनवाई करेगी.
वहीं साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर नाराजगी जताई है. परिषद ने अखिलेश से फौरन माफी मांगने की मांग की है. अगर वह ऐसा नहीं करते तो परिषद उनको अगले कुंभ मेला में निमंत्रण नहीं देगी और अगर वह फिर भी आते हैं तो साधु-संत उनका विरोध करेंगे.
अखिलेश के किस बयान से मचा बवाल
बीते दिनों अयोध्या पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं. बीजेपी कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है. ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग मामले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आगे कहा था हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया.
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