राजकोट: राजकोट में बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई थी. डॉ. भरत बोघरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे. इस बैठक में चुनाव आयोग से पहले ही बीजेपी उपाध्यक्ष भरत बोघरा ने आचार संहिता की तारीख का ऐलान कर दिया. भरत ने कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनाव आचार संहिता 15 अक्टूबर से लागू हो जाएगी, ऐसे में कार्यकर्ताओं को मेहनत करने के लिए सौ या फिर सवा सौ दिन का वक्त मिलेगा. उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के मुताबिक काम करने का आरोप लगाया है.
अभी से तैयारियों में जुट जाओ समय नहीं है
राजकोट में बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में भरत बोघरा ने कार्यकर्ताओं को बड़ा संकेत देते हुए कहा कि चुनाव दिसंबर में होना तय है इसलिए हमारे पास 120 दिन बचे हैं. 15 अक्टूबर के बाद हमारे पास समय नहीं होगा इसलिए तैयारी शुरू कर दें. बोघरा के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के मुताबिक काम करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस का बीजेपी पर हमला
कांग्रेस ने आचार संहिता वाले बयान पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वायत्त निकाय है. भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि चुनाव आयोग भाजपा के हाथ में है. बीजेपी नेता इस तरह के बयान अक्सर देते रहते हैं. बीजेपी के कहने पर चुनाव आयोग काम करता है? चुनाव आयोग की जवाबदेही और उसकी विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है.
विवाद के बाद किया खुलासा
विवाद बढ़ने के बाद भरत बोघरा ने कहा कि दिसंबर में चुनाव आ रहा है. इसलिए उसके दो महीने पहले चुनावी गतिविधियां शुरू हो जाती हैं. इसलिए 15 अक्टूबर के बाद हमारे पास काम करने का समय नहीं है. चुनाव आयोग का काम चुनाव की घोषणा करना है, गुजरात के बीजेपी कार्यकर्ता होने के नाते, हम सभी जानते हैं कि चुनाव दिसंबर में होने वाले हैं. चुनाव निश्चिम समय पर होने वाला है इसलिए इस तरीके का बयान दिया था.
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