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अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा, यह एक प्रगतिशील कदम है: भारतीय सेना

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नई दिल्ली: अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन के बीच सेना के अधिकारियों को इस योजना की खासियत युवाओं को समझाने की जिम्मेदारी दी गई है. सेना ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आधुनिक युग में युवाओं को मौका देने और आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करना जरूरी है.

सैन्य मामलों के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा. इसे वापस क्यों लिया जाए, यह एक प्रगतिशील कदम है.’अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा.

लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आगे कहा कि हमारे साथ जो अग्निवीर में जुड़ना चाहता है वो प्रतिज्ञा लेगा कि उसने किसी प्रदर्शन या तोड़फोड़ में हिस्सा नहीं लिया, फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता. इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें. आर्मी के 84 भर्ती केंद्र हैं, हमारी यूनिट के 350 केंद्र हैं. वहां युवाओं को जाकर कहना है कि हमें ‘अग्निपथ’ के बारे में बताएं. आप वीडियो देखें आपको पता चलेगा कि कश्मीर में युवाओं को कैंप में ट्रेनिंग तक दी जाती है.

एयर मार्शल एसके झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह एक ऑनलाइन सिस्टम है. उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. एक महीने बाद 24 जुलाई से फैज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी. दिसंबर के अंत तक अग्नवीर के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लेंगे. 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी.

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