श्री स्वामीनारायण संप्रदाय का तीर्थधाम वड़ताल गोमती किनारे 7 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित श्री लक्ष्मीनारायण देव संस्कृत महाविद्यालय का गुरुपूर्णिमा के पावन दिवस पर आचार्य श्री राकेश प्रसाद जी महाराज और संप्रदाय के वरिष्ठ संतों के हाथों उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर संत और प्रमुख हरिभक्त भी उपस्थित रहे.आचार्य श्री राकेश प्रसादजी महाराज के मुताबिक वड़ताल मंदिर के संस्कृत विद्यालय को सभी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाना चाहिए. जिसे एक नए संस्कृत स्कूल के साथ पूरा किया गया है.
वड़ताल मंदिर के कोठारी डॉ. संत स्वामी ने संस्कृत विद्यालय का विवरण देते हुए कहा कि नए संस्कृत महाविद्यालय का निर्माण 60 हजार वर्ग फुट की जगह में किया गया है. कॉलेज इंटरनेट, वाईफाई समेत आधुनिक सुविधाओं से लैस है. तीन मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर 2 हजार वर्ग फुट की जगह में एक स्टडी हॉल है.
जहां छात्रों को संस्कृत, व्याकरण, वेदांत, साहित्य, ज्योतिष, कंप्यूटर, संगीत के साथ-साथ योग, वेद और अनुष्ठान सहित विषयों का अध्यन कराया जाएगा. इस स्कूल की विशेषता यह है कि यह गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध है, जबकि शास्त्री और आचार्य वर्ग सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं. साथ ही साथ व्यावसायिक पाठ्यक्रम जैसे मंदिर प्रबंधन, ज्योतिष, योग, वेद और अनुष्ठान डिप्लोमा पाठ्यक्रम को भी शामिल किया गया है.
यह स्कूल कक्षा 9 से एम.ए तक मान्यता प्रदान है. स्कूल में विभिन्न विषयों के 9 अध्यापक हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के छात्र यहां पढ़ सकेंगे. यह न केवल गुजरात में बल्कि भारत में भी मुफ्त शिक्षा प्रदान करने वाला शायद एकमात्र कॉलेज होगा!
यहां पढ़ने वाले हर छात्र को इंटरनेट और वाईफाई की सुविधा का लाभ मिलेगा. प्रत्येक वर्ग खंड स्मार्ट वर्ग यानी डिजिटल क्लास है. ऐसी कुल 9 कक्षाएँ हैं और प्रत्येक कक्षा में लगभग 40 विद्यार्थी अध्ययन करेंगे. छात्रों के लिए ई-लाइब्रेरी की सुविधा भी उपलब्ध है. 40 ऑल-इन-वन स्क्रीन कंप्यूटरों के साथ एक आधुनिक कंप्यूटर लैब है. इसके अलावा 200 वर्ग फुट में प्रार्थना कक्ष का निर्माण करवाया गया है.
जबकि छात्रों के ठहरने के लिए 35 कमरे हैं. 200 छात्रों के लिए 5 हजार वर्ग फुट एक विशाल भोजनालय बनवाया गया है. पूरे प्रोजेक्ट का निर्माण वड़ताल मैनेजिंग ट्रस्टी बोर्ड के चेयरमैन देव प्रकाश स्वामी और कोठारी डॉ. संत स्वामी के नेतृत्व में किया गया है. श्री स्वामीनारायण अनुसंधान केंद्र के प्रथमाध्यक्ष डॉ. बलवंत जानी- कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय होंगे.
सरदार पटेल विश्वविद्यालय के साथ एमएयू कर अनुसंधान कार्य किया जायेगा. संप्रदाय के वरिष्ठ विद्वान शास्त्री ज्ञान प्रकाश दासजी-गांधीनगर, शास्त्री धर्मप्रकाश दासजी-वड़ताल, शास्त्री भानुप्रकाशदासजी-पोरबंदर आदि संप्रदाय के बड़े विद्वान उपस्थित थे.
साथ ही नित्यस्वरूप स्वामी – सरधार, श्री नौतम प्रकाश दासजी, बालकृष्ण स्वामी – मेमनगर गुरुकुल, श्री हरिजीवनदासजी – अध्यक्ष श्री गढ़पुर, देवनंदनदास जी- अध्यक्ष जूनागढ़, धर्मप्रियदासजी 9 बापु स्वामी) सुखदेव स्वामी- भुज मंजिद आदि संत भी इस मौके पर उपस्थित थे. आज गुजरात सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री अर्जुन सिंहजी चौहान ने भी मत्था टेका और आशीर्वाद लिया. उद्घाटन समारोह का संचालन श्याम स्वामी ने किया.