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गुजरात दंगा: फिर दर्ज किया जाएगा तत्कालीन डीजीपी और अधिकारियों का बयान

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अहमदाबाद: गुजरात दंगा मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के बाद से एक के बाद एक नए मामले का खुलासा हो है. जिसकी वजह से अब तत्कालीन एसआईटी फिर से डीजीपी, आईबी डीजीपी और एसीएस होम के बयान दर्ज करेगी. संजीव भट्ट फर्जी हलफनामे को लेकर एसआईटी सभी अधिकारियों के बयान दर्ज करेगी.

उस समय गुजरात दंगों के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. तत्कालीन डीजीपी, आईबी डीजीपी और एसीएस होम का बयान एसआईटी ने दर्ज किया था. लेकिन अब संजीव भट्ट के झूठे हलफनामे को लेकर फिर से एसआईटी सभी अधिकारियों के बयान दर्ज करेगी. इसके साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि दंगों के दौरान बुलाई गई बैठक में संजीव भट्ट मौजूद नहीं थे.

तिस्ता के साथी रईस खान का बड़ा खुलासा
2002 के गुजरात दंगों में झूठा हलफनामा देने और गवाह पेश करने के मामले में एसआईटी द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ एक और महत्वपूर्ण बयान दर्ज किया गया है. सालों तक साथ काम करने के बाद तिस्ता से अलग होने वाले रईस खान ने एसआईटी के सामने अपना बयान दर्ज कराया है. रईस खान ने मजिस्ट्रेट के सामने तीस्ता के खिलाफ 164 के तहत बयान दिया है. जिसके आधार पर इस मामले में नए आरोपियों के शामिल होने की संभावना है.

अहमद पटेल की मौजूदगी में रुपये दिए गए
रईस खान ने अपने बयान में कहा कि वह उस वक्त मौजूद थे जब तीस्ता सीतलवाड़ ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल से मुलाकात की थी. बैठक में तत्कालीन कांग्रेस नेता भी मौजूद थे. सर्किट हाउस में बैठक हुई जिसमें अहमद पटेल ने 5 लाख रुपये दिए और बाद में 25 लाख रुपये दिए. यह बैठक गुजरात में होने वाले चुनाव में सरकार को उखाड़ फेंकने की बड़ी साजिश रचने के लिए हुई थी. उसके बाद तीस्ता ने रईस खान को धमकी भी दी उसके बाद रईस ने उनसे अलग हो गए थे.

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