उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद एकनाथ शिंदे अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं. इतना ही नहीं शिंदे ने शिवसेना पर भी दावा ठोक दिया है. जिसके बाद अब यह पूरा मामला चुनाव आयोग में पहुंच गया है. आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों को दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा है जो साबित करे कि उनके पास शिवसेना में बहुमत के सदस्य हैं.
इस मामले पर शिवसेना सांसद संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि बालासाहेब की हिंदुत्व वाली पार्टी पर चुनाव आयोग सवाल उठा रहा है. ये बालासाहेब ठाकरे जी की शिवसेना है जो महाराष्ट्र के अन्याय के खिलाफ 56 साल पहले बनी थी. हमारे हजारों शिवसैनिक महाराष्ट्र और हिंदुत्व के लिए शहीद हो गए और आप हमसे सबूत मांगते हो कि आपकी शिवसेना असली है या नकली. देश की नहीं राज्य की जनता भी जवाब देगी.
वहीं इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि दोनों पक्ष चुनाव आयोग के सामने अपनी भूमिका रखेंगे. विधानसभा में दो तिहाई से ज्यादा लोग हमारे साथ हैं. हम बालासाहेब की शिवसेना हैं. यहां के स्पीकर ने हमें मान्यता दी है. इसका मतलब साफ है कि हम शिवसेना हैं बालासाहेब के विचार वाली शिवसेना हैं.
शिवसेना से उद्धव ने शिंदे को किया था बाहर
इससे पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना से बाहर निकाल दिया था. पत्र में उद्धव ठाकरे ने लिखा कि “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल रहने के चलते एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकाला जा रहा है. उद्धव ठाकरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में कहा गया है, “शिवसेना पक्ष प्रमुख के रूप में मुझे मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं.
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