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सौर क्षमता के मामले में भारत दुनिया के टॉप 4 से 5 देशों में शामिल: PM मोदी

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दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा ‘उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसके अलावा पीएम मोदी ने नई वितरण योजना का शुभारंभ किया और NTPC की विभिन्न ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इसके साथ ही उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय सोलर रूफटॉप पोर्टल का भी शुभारंभ किया. इस मौके पर पीएम ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत की प्रगति को गति देने में एनर्जी और पॉवर सेक्टर की बहुत बड़ी भुमिका है. एनर्जी सेक्टर की मजबूती ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए जरूरी है और ईज ऑफ लिविंग के लिए उतना ही अहम है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लद्दाख और गुजरात में ग्रीन हाइड्रोजन की दो बड़ी परियोजना पर आज से काम शुरु हो रहा है. लद्दाख में लग रहा प्लांट देश में गाड़ियों के लिए ग्रीन हाईड्रोजन का उत्पादन करेगा. ये देश की पहली परियोजना होगी जो ग्रीन हाइड्रोजन आधारित ट्रांसपोर्ट के कमर्शियल इस्तेमाल को संभव बनाएगा. पिछले 8 वर्षों में देश में लगभग 1.70 लाख हज़ार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता जोड़ी गई है. ‘वन नेशन वन पावर ग्रिड’ आज देश की ताकत बन चुका है. पूरे देश को जोड़ने के लिए लगभग 1.70 लाख हज़ार सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन्स बिछाई गईं हैं.

पीएम ने आगे कहा कि हमने आज़ादी के 75 साल पूरे होने तक 175 गीगावॉट रीन्युएबल एनर्जी कैपेसिटी तैयार करने का संकल्प लिया था. आज हम इस लक्ष्य के करीब पहुंच चुके हैं. अभी तक नॉन फोसिल सोर्स से लगभग 170 गीगावॉट कैपेसिटी इंस्टॉल की जा चुकी है. इसी कड़ी में आज दो और बड़े सोलर प्लांट्स देश को मिले हैं. तेलंगाना और केरला में बने ये प्लांट्स देश के पहले और दूसरे नंबर के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स हैं. आज स्थापित सौर क्षमता के मामले में भारत, दुनिया के टॉप 4-5 देशों में है. दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट्स में से अनेक आज भारत में हैं.

उन्होंने आगे कहा कि हमारा वितरण सेक्टर में घाटा डबल डिजिट में है. शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि वितरण कंपनियों को पैसा समय से मिला हो, राज्य सरकारों पर इन कंपनियों का भारी भरकम बकाया है. अलग-अलग राज्यों का अलग-अलग तरह से इन कंपनियों का 2.5 लाख करोड़ रुपए बकाया है. इसलिए में कहता हूं कि यह राजनीति नहीं बल्की राष्ट्रनीति और राष्ट्रनिर्माण का सवाल है. जिन राज्यों का बकाया बाकी है मेरा उनसे आग्रह है कि वह अपना बकाया खत्म करें.

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