वाशिंगटन: अमेरिकी ने अल-कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराने का दावा किया है, अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 31 जुलाई को ड्रोन हमले में जवाहिरी मारा गया था. हमला रात करीब 10 बजे किया गया था. अल जवाहिरी को मौत के घाट उतारना अमेरिका के लिए एक बड़ी सफलता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस मामले को लेकर एक बयान जारी करते हुए कहा कि अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी काबुल में हवाई हमले में मारा गया है. चाहे कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं, अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और बाहर निकालेगा.
अल जवाहिरी कौन था?
अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1957 को एक मिस्री परिवार में हुआ था. सर्जन अल जवाहिरी अरबी और फ्रेंच भाषा जानता था. जवाहिरी ने मिस्र के इस्लामी जिहाद यानी ईआईजे का गठन किया था. उसके बाद 1970 के दशक में मिस्र में धर्मनिरपेक्ष शासन का विरोध करने के लिए एक चरमपंथी संगठन भी बनाया था. जवाहिरी यहां हमेशा के लिए इस्लामी शासन बनाए रखना चाहता था.
अल जवाहिरी ने सऊदी अरब में ओसामा बिन लादेन से मुलाकात की, अल कायदा को बढ़ावा देने के लिए बिन लादेन 1985 में पेशावर, पाकिस्तान चला गया था. इस बीच अल जवाहिरी भी पेशावर में था और यहीं से दोनों आतंकियों के बीच संबंध मजबूत होने लगे थे.
मिस्र के डॉक्टर और सर्जन अल जवाहिरी ने 11 सितंबर, 2011 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर हुए हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में मदद की थी. इनमें से 2 विमान वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर के दोनों टावरों से टकरा गए. तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जबकि चौथा विमान शेंकविले के एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. आतंकवाद की इस सबसे बड़ी घटना में तीन हजार लोग मारे गए थे.
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