गांधीनगर: गाय-भैंस समेत मवेशियों में लम्पी वायरस से होने वाले स्किन डिजीज ने इस समय प्रदेश में कहर बरपा रहा है. गुजरात के कई जिलों में इसका असर देखा जा रहा है. वायरस की चपेट में आने से हर हजारों की संख्या में मवेशियों की मौत हो रही है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जामनगर ज़िले में लम्पी स्किन रोग से प्रभावित मवेशियों का इलाज और टीकाकरण किए जा रहे केंद्र के स्थल का दौरा किया.
जामनगर ज़िले में लम्पी स्किन रोग से पीड़ित मवेशियों का इलाज और टीकाकरण किया जा रहा है. पशुपालन विभाग के सचिव ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए कहा कि हमारे पास अभी 30 लाख से ज़्यादा का वैक्सीन स्टॉक है. पूरे राज्य में मवेशियों की आबादी करीब 1 करोड़ है लेकिन 1 फीसदी से भी कम मवेशी इससे वायरस से प्रभावित हुए हैं.
गुजरात के पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल भी जामनगर पहुंचकर टीकाकरण केंद्र का दौरा किया. इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गुजरात में अभी के समय 62 हजार पशु जो लम्पी से पीड़ित थे उसमें से 46 हजार से ज्यादा पशु स्वस्थ हो गए हैं और 2200 से अधिक पशुओं की मृत्यु हुई है. सरकार स्थिति के मुताबिक इस बिमारी पर नियंत्रण करने के लिए कार्रवाई कर रही है.
क्या है लम्पी वायरस?
गौरतलब है कि पाकिस्तान के रास्ते भारत में आने वाला यह खतरनाक और संक्रामक वायरस राजस्थान और गुजरात में दूध देने वाले जानवरों को अपना शिकार बना रहा है. इसकी चपेट में आने वाले ज्यादातर जानवरों की मौत हो रही है. यह मवेशियों की त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है. इसे ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ भी कहते हैं. दुनिया में मंकीपॉक्स के बाद अब यह दुर्लभ संक्रमण वैज्ञानिकों की चिंता का कारण बना हुआ है.
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