बिहार की सियासत में पिछले कुछ दिनों से उथल-पुथल देखने को मिल रही है. जदयू-भाजपा गठबंधन टूट गया और जदयू ने कांग्रेस और राजद के साथ महागठबंधन बनाकर नई सरकार बना ली है. बीजेपी और जदयू के नेता एक दूसरे पर लगातार हमला बोल रहे हैं. जदयू भाजपा पर पार्टी को तोड़ने का आरोप लगा रही है. वहीं भाजपा नीतीश कुमार को धोखेबाज बता रही है.
इन सभी के बीच 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने कहा कि क्या मजाक है. फर्जी है ये सब. मेरी कोई ऐसी इच्छा नहीं थी. मैं उपराष्ट्रपति पद का कभी दावेदार नहीं था. गौरतलब है कि कल भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. सुशील मोदी ने दावा करते हुए कहा कि इनकार करने पर ही नीतीश कुमार ने भाजपा को धोखा देते हुए गठबंधन छोड़ दिया.
इस मामले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एक आदमी (सुशील मोदी) ने कहा कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था. क्या मजाक है! यह फर्जी है, मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी. क्या वे भूल गए कि हमने उन्हें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में कितना समर्थन दिया?
शपथ लेने के बाद पीएम पर साधा निशाना
22 साल में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी पर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि हम रहे या न रहें लेकिन वह नहीं रह पाएंगे. दरअसल मीडिया ने उनसे 2024 में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर सवाल किया तो बिहार CM नीतीश कुमार ने कहा कि नहीं, हमारी किसी भी पद के लिए कोई दावेदारी नहीं है. लेकिन जो 2014 में आए वो 2024 के बाद रह पाएंगे या नहीं?
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