सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत को दुनिया के लिए एक आदर्श समाज बनाने की दिशा में काम कर रहा है. संघ उनके उत्थान के लिए समाज को संगठित करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. यह आवश्यक है ताकि भारत पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श बने और लोग भारतीय समाज को एक आदर्श समाज के रूप में सराहें.
सामान्य उद्देश्य का अर्थ समाज है भागवत ने कहा कि समाज वे लोग हैं जिनके समान उद्देश्य हैं और लोगों की भलाई के लिए मिलकर काम करते हैं. जब लोग समान वातावरण में एक मन और एक संकल्प के साथ सह-अस्तित्व बनाए रखते हैं, तो इसे एक समाज माना जा सकता है. समाज आपसी सहयोग से एकत्रित लोग नहीं है बल्कि जिनका उद्देश्य समान है उन्हें समाज कहा जा सकता है.
त्याग और बलिदान भारतीयों के डीएनए में है
त्याग और बलिदान की भावना भारतीयों के डीएनए में है. समाज के विभिन्न वर्गों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया. कई गणमान्य व्यक्तियों के योगदान और बलिदान से देश को आजादी मिली, हमारे लिए कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है. हमें उस मूल्य को बनाए रखना है और इसे आगे बढ़ाना है. यह भारतीयों का डीएनए और मूल स्वभाव है. संघ के स्वयंसेवक कभी भी व्यक्तिगत हितों को महत्व नहीं देते.
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