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गुजरात कांग्रेस ने आंदोलनकारी सेवानिवृत्त सैनिकों को साधने की कोशिश

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अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है. राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी रणनीति के तहत वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी गुजरात में सत्ता बने रखने के लिए कवायद तेज कर दी है. वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भाजपा को सत्ता से बेदखल करने करने के लिए पूरी ताकत से चुनावी प्रचार कर रहे हैं. जिसकी वजह से गुजरात विधानसभा चुनाव में त्रिपक्षीय युद्ध की संभावना है. इस बीच गुजरात कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य में चल रहे विभिन्न मुद्दों पर बयान देकर आंदोलनकारियों को साधने की कोशिश की है.

कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्म दिवस की शुभकामना देते हुए निशाना साधा है. आंगनबाडी बहनों को उनके अधिकार देने के बाद जश्न मनाया जाए. सेवानिवृत्त सैनिक पिछले कुछ समय से गांधीनगर में डेरा जमाए हुए हैं. सरकार ने उनके लंबित मांगों को स्वीकार नहीं किया, जिसकी वजह से आंदोलन का रास्ता अपनाया है. लेकिन सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर लाठीचार्ज करवा दिया, जिसकी वजह से एक सेवानिवृत्त व्यक्ति की जान चली गई है. देश की रक्षा करने वाले जवानों को अपने हक के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है.

सेना से सेवानिवृत्त जवानों के आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन

इतना ही नहीं गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने सेवानिवृत्त जवानों के आंदोलन को लेकर कहा कि सेना से सेवानिवृत्त हुए जवान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. जब मंत्रियों की समिति से बैठक करने गए तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. इस लाठीचार्ज में एक सेवानिवृत्त सैनिक की मौत हो गई. जब हम वहां पहुंचे तो इंसानियत को शर्मसार करने वाले नजारे थे. अधिकारी पोस्टमार्टम जल्दी कराने के लिए साजिश रच रहे थे. मृतक का बेटा पुलिस विभाग में है लेकिन उस पर दबाव डाला गया. सेवानिवृत्त जवानों की मांगों से भाजपा सरकार मुंह मोड़ रही है. पिछले 5 दिनों से सरकार बातचीत भी नहीं कर रही है.

जगदीश ठाकोर ने आगे कहा कि हम पूर्व सैनिकों की जायज मांग का पूरा समर्थन करते हैं. अगर हमारी सरकार बनती है तो सेवा के दौरान मरने वालों के परिवार में से किसी एक को नौकरी देंगे. भूतपूर्व सैनिकों के लिए 10% आरक्षण का कड़ाई से पालन, हम सैनिकों को न्याय और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे. नौकरी नहीं मिलने वाले भूतपूर्व सैनिकों को शहर में आवास अथवा कृषि भूमि देंगे. इसके अलावा 12वीं के बाद उच्च शिक्षा में पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए सीट आरक्षित करेंगे. भूतपूर्व सैनिकों को उनके गृहनगर के आसपास नियुक्त किया जाएगा.

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