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‘हाईकमान का आदेश रात में आया और सुबह इस्तीफा दे दिया’, 1 साल बाद रूपाणी ने किया खुलासा

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गांधीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने के एक साल बाद विजय रूपाणी ने एक बड़ा खुलासा किया है. विजय रूपाणी ने कहा कि इस्तीफे से एक रात पहले उन्हें भाजपा आलाकमान ने इस्तीफा देने के लिए कहा था. जिसके बाद रूपाणी ने 11 सितंबर 2021 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

एक इंटरव्यू में विजय रूपाणी ने कहा कि उनको बीजेपी आलाकमान ने इस्तीफा देने को कहा था और अगले दिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने न तो हाईकमान से कारण पूछा और न ही किसी ने उनको कारण बताया.

रूपाणी ने आगे कहा, “अगर मैंने कारण पूछा होता, तो मुझे यकीन है कि मुझे कारण बताया जाता, लेकिन मैं हमेशा पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता रहा हूं. मैंने हमेशा वही कहा है जो पार्टी ने मुझसे करने के लिए कहा है. पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री बनने का आदेश दिया था, तो मैं बन गया. जब पार्टी ने मुझसे कहा कि वे मेरा पद वापस ले रहे हैं तो मैंने उसने खुशी-खुशी वापस कर दिया.

मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ दिया इस्तीफा
विजय रूपाणी ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के आदेश के कुछ घंटों बाद बिना किसी विरोध या गुस्से के 11 सितंबर, 2021 को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंप दिया. रूपाणी ने कहा कि एक अच्छे कार्यकर्ता के तौर पर मैं कभी भी पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं गया. मैंने मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ अपना इस्तीफा सौंप दिया.

एक साल बाद भाजपा ने पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया
विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटाने के एक साल बाद भाजपा ने उन्हें पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है. वह इस नए काम को राष्ट्रीय राजनीति में अपनी उन्नति के रूप में देख रहे हैं. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि पार्टी ने मुझे पहले शहर स्तर पर, फिर क्षेत्रीय स्तर पर काम सौंपा और मैंने उसी के अनुसार काम किया. मुझे राज्य स्तर पर चार साल तक महासचिव के रूप में जिम्मेदारी दी गई और अंत में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर मिला. अब मुझे राष्ट्रीय स्तर पर एक नई जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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