देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसको नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है लेकिन इसके बावजूद प्रवासी मजदूरों का लगातार पलायन जारी है. तमिलनाडु से चेन्नई जा रहे झारखंड के मजदूरों के एक समूह को अपने गृह राज्य वापस जाने के लिए शुक्रवार रात चेन्नई के मदुरावोयल में राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने से पुलिस द्वारा रोक दिया गया.
इन प्रवासी मजदूरों को रोकने बाद में पुलिस ने उन्हें एक बस में बैठाकर एक निजी हॉल में भेज दिया. इस दौरान पुलिस को हल्का लाठी चार्ज भी करना पड़ा. बाद में इन सभी को एक एक निजी हॉल में स्थानांतरित कर दिया. ये मजदूर पैदल ही अपने गृह राज्य की ओर रवाना हो गए थे.
मालूम हो कि महाराष्ट्र के जालना में लॉकडाउन की वजह से फंसे 20 मजदूर पैदल ही रेलवे ट्रैक के सहारे अपने गांव के लिए निकले थे लेकिन औरंगाबाद के दर्दनाक हादसे में 16 मजदूरों की मौत हो गई. इसके बावजूद अब भी रेलवे ट्रैक पर मजदूरों का पलायन जारी है. देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के हापुड़ और ग्रेटर नोएडा से ऐसी तस्वीरें आई हैं जहां लोग अपनी जान को खतरे में डालकर रेल की पटरियां क्रॉस कर रहे हैं.
दिल्ली से महज 38 किमी की दूरी पर ग्रेटर नोएडा का मारीपात स्टेशन है. जहां प्रशासन की बेरूखी से परेशान कामगार अपनी जान को दांव पर लगाकर पैदल ही घर लौटने को मजबूर हैं. कोई दिल्ली से तो कोई पंजाब से इसी तरह रेलवे की पटरियों के सहारे घरवापसी की कोशिश में जुटा है.
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