देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इसी सिलसिले में पुडुचेरी में 6 अप्रैल को मतदान होने हैं. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी यहां चुनाव प्रचार में आधार डेटा (Aadhaar Data) का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा है. इतना ही नहीं, आधार बनाने के लिए जिम्मेदार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण भी लपेटे में आ गई है. Aadhaar Data
आरोप है कि भाजपा ने पुदुचेरी में आधार का इस्तेमाल करके स्थानीय मतदाताओं के मोबाइल नंबर इकट्ठा कर रही है. Aadhaar Data
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इस मामले में बीजेपी की पुडुचेरी यूनिट के जवाब से असंतुष्ट मद्रास हाई कोर्ट ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और चुनाव आयोग से मामले की जांच करने को कहा है. Aadhaar Data
शुक्रवार को डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की पुडुचेरी इकाई के अध्यक्ष ए आनंद की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की बेंच ने सुनवाई की. मामला मद्रास हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. Aadhaar Data
मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
मद्रास हाई कोर्ट ने यूआईडीएआई को आदेश दिया है कि वह जांच करके बताएं कि क्या वाकई में बीजेपी ने आधार का डेटा इस्तेमाल किया है. अदालत ने कहा कि यूआईडीएआई को मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किए बिना निजता को बनाए रखने में उल्लंघन के मामलों पर गौर करना चाहिए. Aadhaar Data
कोर्ट ने यूआईडीएआई से जवाब मांगा है कि आखिर आधार लिंक मोबाइल नंबर बीजेपी के हाथ कैसे लगे? साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि चुनाव आयोग को मुद्दे को बिना किसी रुकावट के आचार संहिता के उल्लंघन के तौर पर लेना चाहिए और पार्टी के खिलाफ अलग से आपराधिक जांच करनी चाहिए. Aadhaar Data
भाजपा ने किया बचाव
उधर बीजेपी की ओर से बचाव में दावा किया गया कि पार्टी ने फोन से संबंधित किसी डेटा की चोरी नहीं की है. आधार डेटा और फोन नंबर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 महामारी के दौरान लंबी अवधि में जुटाया था.