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दिल्ली में ‘आप’ की बनेगी सरकार, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस को खुश होने का मौका

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतदान खत्म हो चुका है. सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोट डालने के लिए आज पूरे दिन लोगों की लम्बी लाइन देखने को मिली. शाम 6 बजे वोटिंग की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद एग्जिट पोल्स के रुझान आने शुरू हो गए. शुरुआती रुझान में आम आदमी पार्टी के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है.

गुजरात एक्सक्लूजिव अपने शुरुआती एक्जिट पोल के रुझान में आम आदमी पार्टी की सरकार बना रही है. सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी को 2015 के मुकाबले 10-15 सीटों का नुकशान हो रहा है. वहीं बीजेपी को 7 से 9 सीटों की बढ़त हासिल हो रही है. 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में खाता नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस भी एक्जिट पोल के रुझानों में मजबूत वापसी कर रही है. कांग्रेस जहां पिछले चुनाव में शून्य पर थी वहीं इस साल के चुनाव में 2 से 5 सीट हासिल करते हुए नजर आ रही है. कांग्रेस की जमा पूंजी इस चुनाव में सीटों में नहीं लेकिन वोट शेयर के तौर पर मजबूत उछाल के रुप में देखने को मिलेगा.

बीजेपी पिछले चुनाव के मुकाबले सीटों दो से तीन गुना ज्यादा सीट निकाल रही हैं लेकिन वोट शेयर में बहुत ज्यादा इजाफा नहीं देखने को मिलेगा. हालांकि CAA-NRC को लेकर हुए जबरदस्त ध्रुव्रीकरण और राष्ट्रवाद का मुद्दा भाजपा के मत प्रतिशत में जरुर इजाफा करेगा. लेकिन सीटों में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हो रहा है. मतदाताओं के बीच में प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रवादी छवि और अमित शाह- योगी- प्रवेश वर्माओं असर स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के ऊपर हिंदू अस्मिता एंव नस्लीय उच्चता के पैमाने पर मत प्रतिशत में वृद्धि दर्ज कराएगा.

आम आदमी पार्टी को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के मुद्दे पर सरकार बनाने में तो सफलता हासिल हो जाएगी लेकिन राष्ट्रवाद एंव हिंदू अस्मिता का मुद्दा नहीं उठाने की वजह से नुकशान भी भुगतना पड़ेगा. जिसके कारण उसको 10-15 सीटों का नुकशान होगा. पूर्वांचली मतदाताओं एंव मध्य भारत के सामान्य एंव सामान्य से कम आय वाले तब्ते में राष्ट्रवाद और हिन्दू अस्मिता का मुद्दा हाबी होने के कारण केजरीवाल को नुकशान होगा. वहीं मध्य एंव मजदूर वर्ग में पीएम मोदी की छवि राष्ट्रवादी राष्ट्रनायक के रुप में मजबूत होने के कारण भी केजरीवाल को नुकशान उठाना पड़ेगा

कांग्रेस को बहुत ज्यादा फायदा सीटों के मुताबिक होता नहीं दिख रहा. लेकिन जरुर पिछले 15 सालों तक दिल्ली की सत्ता संभालने वाली शीला दिक्षित के कामों का फायदा मिलेगा. इस पूरे चुनावी प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी और भाजपा के प्रचार वाद से ऊब चुके उच्च वर्गीये एंव मध्य उच्च वर्गीय मतदाताओं के बीच में मत प्रतिशत का बढ़िया फायदा मिल सकता है. जिसके कारण कांग्रेस को 2 से 5 सीट हासिल करने में कामयाबी मिल सकती है.