पिछले साल ताबड़तोड़ बोली लगाकर अडानी समूह ने जिन तीन एयरपोर्ट को अपने नाम किया था, उसे फिलहाल अपने हाथ में लेने में असमर्थता जताई है. इससे सरकार की निजीकरण योजना को धक्का लगा है. समूह ने अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु हवाईअड्डों को अपने हाथ में लेने के लिए कम से कम 6 महीने का समय मांगा है. इसके लिए समूह ने कोरोना वायरस महामारी के कारण विमानन क्षेत्र में जारी अनिश्चितता को कारण बताया है.
CNBC-TV 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप सरकार से यह मांग कर रहा है कि अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु के तीन एयरपोर्ट के लिए टेकओवर की डेडलाइन बढ़ा दी जाए. मालूम हो कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 2019 में 6 एयरपोर्ट के लिए बोलियां मंगवाईं थी जिनमें अडानी ग्रुप सबसे बड़ा बिडर बनकर उभरा था. हालांकि यूनियन कैबिनेट को अभी तीन एयरपोर्ट-जयपुर, त्रिवेंद्रम और गुवाहाटी- की बोली मंजूर करना बाकी है.
अडानी ग्रुप ने फरवरी 2020 में तीन एयरपोर्ट्स के ऑपरेशंस, डेवलपमेंट और मेंटेनेंस के एग्रीमेंट पर साइन किया था. इस करार के मुताबिक, अडानी ग्रुप को 6 महीने के भीतर इन तीनों एयरपोर्ट-अहमदाबाद, मंगलुरु और लखनऊ-का टेकओवर कर लेना था. सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण इंटरनेशनल फ्लाइट्स का आना-जाना बंद है और काम प्रभावित है इसलिए अडानी ग्रुप टेकओवर की डेडलाइन बढ़ाना चाहता है. वैसे कई सूत्रों ने यह बताया है कि अडानी ग्रुप अभी भी सभी 6 एयरपोर्ट हासिल करना चाहता है. एयरपोर्ट अथॉरिटी और दो राउंड में एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन के लिए बोलियां मंगाने की योजना बना रहा है.
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