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नीति आयोग और वित्त मंत्रालय की आपत्ति के बावजूद अडानी को मिले 6 हवाई अड्डे!

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अडानी ग्रुप (Adani Group) भारत में अपना दायरा बढ़ाता जा रहा है. इसी बीच पता चला है कि 2019 में हवाई अड्डों के लिए लगी बोली की प्रक्रिया में वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की आपत्तियों के बावजूद अडानी समूह (Adani Group) को छह हवाई अड्डे दे दिए गए.

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने कुछ अहम दस्तावेज़ों के हवाले से दावा किया है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) को नीति आयोग और वित्त मंत्रालय की सहमति के बगैर 6 एयरपोर्ट की जिम्मेदारी सौंप दी गई.

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बता दें कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 12 जनवरी को देश के 6 बड़े एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप (Adani Group) के हाथों में सौंपने पर मुहर लगा दी है. अहमदाबाद के अडानी ग्रुप (Adani Group) ने 6 एयरपोर्ट के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है. साल 2019 में हुई बिडिंग की प्रक्रिया पर नीति आयोग और वित्त मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी कि एक ही कंपनी को 6 एयरपोर्ट नहीं दिए जाने चाहिए लेकिन इसकी अनदेखी की गई.

दस्तावेज़ों के मुताबिक, अहमदाबाद, लखनऊ, मैंगलुरू, जयपुर, गुवाहाटी और थिरूवनंतपुरम हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए बोली लगाई गई थी. इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप अप्रेजल कमेटी ने 11 दिसंबर, 2018 को विमानन मंत्रालय के बोली लगाने के इस प्रस्ताव पर चर्चा की थी.

क्या थी आपत्ति

वित्त मंत्रालय की तरफ से दिए गए नोट में कहा गया था कि ये 6 एयरपोर्ट हाइली कैपिटल इंटेसिव हैं और एक ही कंपनी को दे देना ठीक नहीं है. एक कंपनी को दो से ज्यादा एयरपोर्ट नहीं दिए जाने चाहिए. इस मामले में वित्त मंत्रालय ने दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट के प्रेजिडेंट से भी संपर्क किया था. यहां जीएमआर ही केवल योग्य बिडर था लेकिन दोनों ही एयरपोर्ट उसे नहीं दिए गए. उसी दिन वित्त मंत्रालय के नोट पर नीति आयोग ने भी अलग चिंता व्यक्त की.

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