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अडाणी की नजरें अब मुंबई एयरपोर्ट पर, खरीद सकते हैं 50.5% हिस्सेदारी

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  • अडानी और परिचालन कंपनी में चल रही बात
  • एयरपोर्ट परिचालक कंपनी में छाने की कोशिश
  • 6 एयरपोर्ट के परिचालन का मिल चुका है ठेका

अडाणी समूह मुंबई हवाईअड्डे की परिचालक में 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकता है. एयरपोर्ट के परिचालन कंपनी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) में जीवीके सूमह और उसकी अन्य सहयोगियों की हिस्सेदारी खरीदने को लेकर अडाणी ग्रुप बातचीत कर रहा है.

उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह का लक्ष्य देश की सबसे बड़ी हवाईअड्डा परिचालक कंपनी बनना है.

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अडाणी का 50.5% हिस्सेदारी खरीदने पर विचार

खबरों के मुताबिक, अडाणी समूह मायल में जीवीके समूह की 50.5 फीसदी और एयरपोर्ट कंपनी साउथ अफ्रीका और बिडवेस्ट समूह जैसे अन्य अल्पांश शेयरधारकों की 23.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है.
हालांकि अडाणी समूह और जीवीके समूह दोनों के प्रवक्ताओं ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है.

समूह ने मार्च 2019 में दक्षिण अफ्रीका की बिडवेस्ट कंपनी की 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,248 करोड़ रुपये खरीदने पर सहमति जताई थी.
इस सौदे को जीवीके समूह ने अपने पहले इनकार का अधिकार यानी हिस्सेदारी खरीद पर पहले अधिकार के प्रावधान का उपयोग करते हुए मना कर दिया था.
लेकिन जीवीके इस हिस्सेदारी की खरीद के लिए पैसे नहीं जुटा सका और मामला अदालत चला गया..

जीवीके समूह की हालत अच्छी नहीं!

खबर है कि जीवीके समूह की वित्तीय हालत सही नहीं है.
ऐसे में अडाणी समूह को हिस्सेदारी बेचने पर विचार किया जा रहा है.
बंदरगाह क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाने के बाद अडाणी समूह एयरपोर्ट पर दांव लगा रहा है.
समूह को हाल ही में उसे 6 एयरपोर्ट के परिचालन का ठेका मिला है.
इसमें लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर शामिल हैं.

समूह की नजर अब देश के दूसरे सबसे व्यस्त हवाईअड्डे पर है.
सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर पहले दौर की बातचीत हो चुकी है और संभव है कि हैदराबाद की जीवीके मायल से बाहर हो जाए.

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