काबुल: अफगानिस्तान में 19 साल से ज्यादा समय से अमेरिका की मौजूदगी खत्म हो गई है. आखिरी तीन अमेरिकी सैन्य विमानों ने भी सोमवार देर रात काबुल हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी. रिपोर्टों के अनुसार अमेरिकी सेना के अंतिम तीन सी-17 ने काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 30-31 अगस्त की मध्यरात्रि को उड़ान भरी. इतना ही नहीं इसके साथ अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी राजनयिक मौजूदगी को भी खत्म कर दिया है. तालिबना ने भी इसकी पुष्टि करते हुए इसे आफगानिस्तान की आजादी करार दिया है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए बताया कि हमने काबुल में राजनयिक उपस्थिति खत्म कर दिया है, अपना संचालन दोहा (कतर) स्थानांतरित कर दिया है. अफगानिस्तान से कूटनीति के प्रबंधन के लिए दोहा में पोस्ट का उपयोग करेंगे. अमेरिकी सैन्य उड़ानें समाप्त हो गई हैं, हमारे सैनिक अफगानिस्तान से चले गए हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिका अफगान लोगों को मानवीय सहायता का समर्थन करना जारी रखेगा. यह सरकार के माध्यम से नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों जैसे स्वतंत्र संगठनों के माध्यम से होगा. उम्मीद है कि तालिबान या किसी अन्य के द्वारा उन प्रयासों को बाधित नहीं किया जाएगा.
वहीं इस सिलसिले में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि हमने अफगानिस्तान युद्ध में 2,461 सैनिकों को खो दिया. हम दुनिया भर में कहीं से भी उत्पन्न होने वाले आतंकवादी खतरों से अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.
गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/rajnath-singh-jammu-and-kashmir-terrorism/