कानपुर के सरकारी शेल्टर होम में रहने वाली बच्चियों का कोरोना संक्रमित, गर्भवती और एचआईवी का शिकार होने का खुलासा होने पर हमलावर होने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को बीते दिनों उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने नोटिस भेजा था. अब इस मामले को लेकर आज प्रियंका जवाब देते हुए कहा कि वह इंदिरा गांधी की पोती हैं, कोई अघोषित भाजपा प्रवक्ता नहीं हैं.
उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को नोटिस भेज कर कानपुर सरकारी शेल्टर होम को लेकर फेसबुक पर की गई टिप्पणी का तीन दिनों के अन्दर खण्डन करने को कहा गया है. इतना ही नहीं नोटिस में चेतावनी दी है कि अगर तीन दिनों के अंदर खण्डन नहीं किया जाता तो बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम -2005 की धारा-13 की उपधारा -1 (जे) के साथ धारा-14 व 15 के तहत उचित कार्यवाही की जाएगी.
जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
उन्होंने इस मामले को लेकर ट्वीट कर लिखा “जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है. किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है. यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा “जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें. मैं सच्चाई सामने रखती रहूँगी. मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं.
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