नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जहां विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं आम आदमी भी इस कानून को वापस लेने की मांग को लेकर सड़क पर हंगामा कर रहे हैं. इस कानून के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन में अबतक कई लोगों को अपने जान से भी हाथ धोना पड़ा, ऐसे में अब नागरिकता कानून पर बीजेपी के नेता ही सवाल खड़े कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पड़तोते चंद्र कुमार बोस ने नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल उठाया.
Don’t equate India or compare it with any other nation- as it’s a nation Open to all religions and communities
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) December 23, 2019
चंद्र कुमार बोस ने ट्वीट करते हुए लिखा ”अगर CAA 2019 किसी भी धर्म से संबंधित नहीं है तो हम क्यों कह रहे हैं- केवल हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन! मुस्लिमों को भी क्यों शामिल नहीं किया गया?”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘भारत की किसी से अन्य देश से बराबरी या तुलना मत कीजिए, क्योंकि यह सभी धर्मों और समुदायों के खुला हुआ देश है.’ भाजपा में से इस कानून के खिलाफ स्वर तब सामने आए हैं, जब भाजपा सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर इस कानून को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है.
If #CAA2019 is not related to any religion why are we stating – Hindu,Sikh,Boudha, Christians, Parsis & Jains only! Why not include #Muslims as well? Let’s be transparent
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) December 23, 2019
बता दें, कोलकाता में इस कानून के समर्थन में निकाली गई रैली में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर तृणमूल कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमेशा ही राष्ट्रीय हितों के ऊपर राजनीति को प्राथमिकता दी है. नड्डा नए नागरिकता कानून पर मोदी सरकार को ‘‘धन्यवाद” देने के लिये यहां आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने हालांकि राष्ट्रव्यापी एनआरसी के मुद्दे से किनारा किया जबकि कुछ दिनों पहले वह इसकी वकालत कर रहे थे.