सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया है कि कंपनियां एजीआर बकाया का स्व-मूल्यांकन या पुनः मूल्यांकन नहीं करेंगी, अन्यथा उन पर अदालत की अवमानना का मामला दर्ज किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा है कि समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाए को लेकर कंपनियां खुद आकलन न करें. इसे अवमानना माना जा सकता है.
मामले की सुनवाई जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस एमआर शाह की तीन सदस्यीय बेंच कर रही थी. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि वह दूरसंचार कंपनियों के एमडी के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करेगा, अगर उन्होंने एजीआर बकाए को लेकर अदालत के बारे में फर्जी खबर प्रसारित कीं. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दूरसंचार मामले में सुनवाई के दौरान एजीआर बकाया पर समाचार पत्रों के लेख अदालत को प्रभावित नहीं करेंगे. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि बकाया राशि का पुनर्मूल्यांकन नहीं होगा. कंपनियों ने एजीआर बकाया का स्व-मूल्यांकन करने के नाम पर गंभीर धोखा किया है. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को कोर्ट के आदेश के मुताबिक भुगतान करना ही होगा. एजीआर बकाया पर हमारा फैसला अंतिम है, इसका पूरी तरह से पालन किया जाए.
सुनवाई स्थगित करने से पहले तीन सदस्यीय बेंच ने कहा, ‘हमारा निर्णायक मत है कि कोई स्व मूल्यांकन या बकाए का पुनर्मूल्यांकन नहीं किया जाएगा.’ सुनवाई के दौरान जस्टिस मिश्रा ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियों ने लोगों के पैसे को हड़पा है लेकिन फिर भी वो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा नहीं चुकाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दूरसंचार कम्पनियों के एमडी के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करेगा, अगर उन्होंने एजीआर बकाए को लेकर अदालत के बारे में फर्जी खबर प्रसारित कीं.
लोकसभा में रविशंकर प्रसाद बोले
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में कहा, ‘हम मानते हैं कि सार्वजनिक सेवा और और संचार व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए बीएसएनएल जैसा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम बहुत महत्वपूर्ण है. बीएसएनएल बुरे वक्त से गुज़र रहा है. उन्होंने बताया कि 2014-15 और 2015-16 में इसकी स्थिति कुछ बेहतर थी.’ उन्होंने सदन को बताया, ‘हमारी सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को पुनर्जीवित करने के लिए फैसला लिया है क्योंकि बाढ़, भूकंप जैसे स्थिति में ये लोगों की मदद करता है. कर्मचारी के लिए बीएसएनएल की राजस्व लागत 74%, एमटीएनएल 87%, एयरटेल 3%, वोडाफोन 6%, जियो की 4% है.’
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