शीतकालीन सत्र के पहले दिन मोदी सरकार ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने वाला बिल दोनों सदनों में पेश कर बिना चर्चा के पास कर दिया. दोनों सदनों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने बिल पेश किया गया, बिल पेश होने के कुछ मिनट के भीतर ही उसे पास भी कर दिया गया. इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार चर्चा से डर रही है.
दोनों सदनों में कानून वापसी बिल पास होने के बाद राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमने कहा था कि 3 काले क़ानूनों का वापस लेना ही पड़ेगा. हमें पता था कि 3-4 बड़े पूंजीपतियों की शक्ति हिन्दुस्तान के किसानों के सामने खड़ी नहीं हो सकती, और वही हुआ काले क़ानूनों को मोदी सरकार को रद्द करना पड़ा. ये किसानों की सफलता है, देश की सफलता है.
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से संसद में बिना किसी चर्चा के क़ानून रद्द किए गए, ये दिखाता है कि सरकार चर्चा से डरती है. सरकार जानती है कि उन्होंने ग़लत काम किया है. 700 किसानों की मृत्यु, क़ानूनों को लागू करने के पीछे किसकी शक्ति थी इस पर चर्चा होनी थी पर सरकार ने नहीं होने दी. राहुल गांधी ने आगे कहा कि ये तीन क़ानून किसानों और मज़दूरों पर आक्रमण था. परन्तु किसानों और मज़दूरों की कठिनाइयां MSP, कर्ज़ माफी आदि लंबी लिस्ट है. वे अभी भी उनकी मांगें हैं, हम उनका समर्थन करते हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि आपने कहा प्रधानमंत्री ने माफी मांगी, इसका मतलब प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उनकी ग़लती के कारण 700 लोग मारे गए, उनकी ग़लती से आंदोलन हुआ. अगर उन्होंने ग़लती मानी है तो नुकसान की भरपाई तो करनी पड़ेगी.
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