मनोज कारिया / दिपक मस्ला, अहमदाबाद: एशिया के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट वाली 75 वर्षीय एक महिला मरीज को नौ दिनों तक कोविड अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रखने का मामला सामने आया है. Ahmedabad Civil Hospital Negligence
इस मामले को लेकर असारवा यूथ सर्कल के अध्यक्ष, संजय पटेल ने कहा कि असारवा पांचीदास महोला के रहने वाली इंदिराबेन जयन्तीभाई पटेल का 19-11-20 को अर्बन हेल्थ सेंटर से कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट मिली थी. लेकिन उसी रात जब शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो गया तो उसे यूएन मेहता अस्पताल में उसके फैमिली डॉक्टर की सलाह पर ले जाया गया. Ahmedabad Civil Hospital Negligence
जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने दिल का एक ईसीओ इको टेस्ट किया और उसे इलाज के लिए 1200 बेड की कोविड अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया. जहां उस महिला को 20 नवंबर को इलाज के लिए भर्ती किया गया. जहां RT-PCR रिपोर्ट निकाली गई थी. यह भी नकारात्मक निकला. बावजूद इसके अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें कोरोना पॉजिटिव आईसीयू वार्ड में रखा गया.
मरीज के परिजनों ने दूसरे वार्ड में ले जाने की पेशकश की लेकिन डॉक्टरों ने उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया. आईसीयू वार्ड होने के नाते स्वाभाविक रूप से हर दिन मरीजों के मौत की खबर सामने आती है. इसी बीच इंदिराबेना का भी 29 नवंबर को निधन हो गया. Ahmedabad Civil Hospital Negligence
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पटेल ने आगे कहा कि अस्पताल के अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण एक निर्दोष महिला की जान चली गई. इतना ही नहीं महिला की मौत सुबह हो गई थी. लेकिन महिला के परिजनों को इसकी जानकारी साढ़े दस बजे के बाद दी गई. अगर कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हो जाती है तो उसका अंतिम संस्कार अस्पताल द्वारा ही किया जाता है. लेकिन अस्पताल के अधिकारियों को देर से अपनी गलती का एहसास हुआ जिसके बाद इंदिराबेन के शव को उसके परिवार को सौंपने की तत्परता दिखाई. Ahmedabad Civil Hospital Negligence
अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया जा रहा है कि इंदिराबेन को लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच रखा गया इसकी वजह से उनकी मौत हो गई. एहतियाती उपाय के रूप में इंदिराबेन के परिजनों ने उनका शव लेकर सीधे श्मसान गृह ले गए जहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए, संजय पटेल ने कहा अस्पताल के अधिकारियों की लापरवाही के कारण कितने लोगों की जान गई है. इसकी असल जानकारी तो अस्पताल प्रशासन को होगी. Ahmedabad Civil Hospital Negligence
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