अहमदाबाद: राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पाटीदार आंदोलन के दौरान पाटीदार नेताओं पर दर्ज केस वापस लेने की शुरूआत हो गई थी. राज्य सरकार ने अदालत में याचिका दायर कर पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद दायर विभिन्न मामलों को वापस लेने की याचिका दाखिल की थी. लेकिन अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ रामोल थाने में दर्ज मामला वापस लेने की सरकार की याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने सभी आरोपियों को उपस्थित होने का निर्देश दिया है, क्योंकि मामले में अभियोग की सुनवाई 2 मई को होनी है.
आपको बता दें कि पार्षद परेश पटेल की ओर से 20 मार्च 2017 को दर्ज कराई गई शिकायत में हार्दिक पटेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. शिकायत के अनुसार भीड़ ने उस समय नगरसेवक परेश पटेल के घर आस्था बंगलों पर हमला किया था. सरकार ने कोर्ट में शिकायत में उप-मामले को वापस लेने के लिए आवेदन किया था.
पाटीदारों के खिलाफ 10 मुकदमे वापस लेने का फैसला
गौरतलब है कि सरकार ने पाटीदार आंदोलन के दौरान हुए दंगों के मामलों को वापस लेना शुरू कर दिया है. सरकार अब तक अहमदाबाद की अदालतों से 10 मामले वापस ले चुकी है. जबकि अन्य तीन मामलों की सुनवाई 15 अप्रैल को हुई थी.
पाटीदार आंदोलन के दौरान पाटीदारों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने की शुरूआत चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा चुका है. अहमदाबाद से कुल 10 केस वापस ले लिए गए हैं. आंदोलन के दौरान अहमदाबाद के कृष्णनगर, रामोल, बापूनगर, नरोडा और अन्य स्थानों पर मामले दर्ज किए गए थे. राज्य सरकार पहले के तीन मामलों को वापस ले चुकी है.
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