अहमदाबाद: शहर में आवारा पशुओं की चपेट में आने से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग हादसे का शिकार हो चुके है. इस बीच अहमदाबाद पुलिस ने राज्य में पहली बार नो-केटल जोन घोषित किया है. शहर की यातायात पुलिस ने प्रायोगिक आधार पर पश्चिमी क्षेत्र के 10 क्षेत्रों को नो-केटल जोन घोषित किया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब यदि कोई चरवाहा या पशु मालिक अपने पशु को इन क्षेत्रों में सार्वजनिक रूप से घूमते हुए छोड़ देता है, तो पुलिस सर्कुलर का उल्लंघन करने के आरोप में पाशु मालिक के खिलाफ केस दर्ज करेगी.
अहमदाबाद पुलिस के सराहनीय कार्य के बाद सवाल उठ रहे हैं कि गुजरात के छोटे-बड़े शहरों में आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या का समाधान कब होगा. क्योंकि कई बार बेगुनाह लोगों की मौत आवारा मवेशियों की चपेट में आकर हो जाती है, वहीं दूसरी ओर गूंगे जानवर भी परेशान हो रहे हैं.
आश्रम रोड, नवरंगपुरा, विश्वविद्यालय, उस्मानपुरा, एलिसब्रिज, गुलबाई टेकरा, लॉ गार्डन और नारनपुरा सहित शहर के 10 इलाकों में शनिवार दोपहर 12 बजे से नो-केटल जोन घोषणा लागू हो गई है. यदि मवेशी इन क्षेत्रों में घूमते हुए पाए जाते हैं तो मालिकों की परेशानी बढ़ सकती है. पुलिस आवारा पशुओं के मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी.
अहमदाबाद शहर के पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव ने अधिसूचना जारी की है. बताया जाता है कि पिछले कुछ समय से जनता के बीच मवेशियों का आना-जाना बढ़ गया है. पहले भी ऐसे आवारा पशुओं के कारण सड़क हादसों में लोगों की मौत हो चुकी है. आवारा पशुओं से लोगों में दहशत और भय का माहौल पैदा हो गया है. इस पहले लोगों में फैली आशंकाओं और आवारा पशुओं से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने की कोशिश की गई है.
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