अहमदाबाद: पेट्रोल-डीजल के बाद सीएनजी की कीमतों में होने वाली वृद्धि के खिलाफ रिक्शा चालक संघ ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. लेकिन हड़ताल से पहले ही रिक्शा चालक संघ में फूट पड़ गई है. अहमदाबाद के चार महत्वपूर्ण ऑटोरिक्शा चालक संघों ने हड़ताल में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. उन्होंने इस फैसले के साथ सोमवार को अहमदाबाद कलेक्टर को आवेदन पत्र भी सौंप दिया है.
किराया निर्धारण धारा को निरस्त करने की मांग
याचिका में चार ऑटोरिक्शा चालक यूनियन ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 67 को निरस्त करने की अपील की है. ताकि अगर ईंधन के दाम बढ़े तो रिक्शा चालकों को उनकी जरूरत के हिसाब से कीमत बढ़ाने की इजाजत दी जा सके. इसके अलावा संघ से जुड़े लोगों ने आवेदन पत्र देकर कलेक्टर से मांग की है कि जिस तरीके से स्कूल रिक्शा और बस चालक खुद किराया तय कर लेते हैं उसी तर्ज पर उनको भी किराया तय करने की छूट दी जाए.
आवेदन में यह भी आरोप लगाया गया है कि यदि सीएनजी की कीमत समय-समय पर बढ़ती है, तो सरकार से न्यूनतम रिक्शा किराया बढ़ाने का अनुरोध करना होगा. जब भी ईंधन की कीमतें बढ़ती हैं, लेभागू यूनियन ट्रस्ट, संगठन, राजनेता हड़ताल के नाम पर फायदा उठाते हैं. ये सभी लोग हड़ताल के हथियार का दुरुपयोग कर अपनी जेब भरते हैं. ऐसे अवसरवादी हड़ताल के नाम पर सस्ती लोकप्रियता हासिल कर लेते हैं. जिसकी वजह से ऑटोरिक्शा चालकों के हित दांव पर लग जाते हैं.
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