- गुजरात की इकलौती तमिल स्कूल को पिछले दिनों कर दिया गया था बंद
- तमिल स्कूल को बंद करने का मामला पहुंचा तमिलनाडु
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने गुजरात सरकार को लिखा खत
- कहा स्कूल के संचालन का खर्च तमिलनाडु सरकार उठाने को तैयार
अहमदाबाद: शहर के मणीनगर इलाके में मौजूद नगर निगम संचलित गुजरात की इकलौती तमिल स्कूल को अहमदाबाद शहर के जिला शिक्षा अधिकारी ने विद्यार्थियों की संख्या कम होने की वजह से बंद करने का आदेश बीते दिनों दिया था.
जिला शिक्षा अधिकारी के इस तुगलकी फरमान का स्थानिक तमिल समुदाय के लोगों ने जमकर विरोध किया था.
वहीं अब यह मामला तमिलनाडु तक पहुंच गया है. मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त किया है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने खत लिखकर व्यक्त की चिंता
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से आग्रह किया कि वह स्कूल का संचालन जारी रखें. स्कूल के संचालन पर आने वाला खर्च तमिलनाडु सरकार वहन करने को तैयार है.
उन्होंने खत लिखकर कहा कि यह जानकर दुख हुआ कि प्रवासी मजदूरों को तमिल माध्यम में शिक्षा देने वाली स्कूल को अचानक बंद करने का फैसला लिया गया है.
राज्य सरकार के इस फैसले से तमिल भाषा की पढ़ाई करने वाले छात्रों को एक नहीं बल्कि कई मुश्किलों से दो-चार होना पड़ रहा है.
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तमिलनाडु सरकार स्कूल का खर्च वहन करने को तैयार
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने रूपाणी सरकार से आग्रह करते हुए लिखा कि गुजरात के विकास में तमिल समुदाय के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
ऐसे में वहां रहने वाले तमिल भाषाई अल्पसंख्यक के भविष्य को संरक्षित करने की आवश्यकता है. पत्र में उन्होंने जोर देते हुए कहा कि रूपाणी सरकार मामले में हस्ताक्षेप कर स्कूल के संचालन की व्यवस्था करे.
स्कूल के संचालन का पूरा खर्च तमिलनाडु सरकार वहन करने को तैयार है. उन्होंने पत्र में उम्मीद जताते हुए कहा कि गुजरात सरकार इस मामले में उचित कदम उठाकर पढ़ाई के अधिकार की रक्षा करेगी.
नियमों के अनुसार बंद किया गया स्कूल-जिला शिक्षा अधिकारी
अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी आर.सी. पटेल ने स्कूल को बंद करने का जो आदेश दिया था. इस आदेश में उन्होंने कहा था सरकारी नियमों के तहत अहमदाबाद शहर के मणिनगर क्षेत्र में मौजूद तमिल हाई स्कूल में छात्रों की संख्या पर्याप्त नहीं है.
इसलिए सरकार नियमों के अनुसार स्कूल को बंद करने का फैसला लिया है. इस स्कूल के एमए, तमिल बी.एड सहायक शिक्षक, तमिल सेल्वी, एम.ए. अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र बी.एड. विषय के सहायक शिक्षक मेबल मानसिंग तथा पट्टावाला एस.बी. यादव को रिक्त घोषित किया जाता है.
छात्रों के अभिभावकों ने फैसले का किया था विरोध
ऑल गुजरात स्टूडेंट्स फेडरेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष जॉर्ज डायस और खोखरा वार्ड के पूर्व पार्षद, कालियप्पन मुदलियार, जीवा नाइकर और नोएल क्रिश्चन ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि “तमिल माध्यमिक विद्यालय को बीच बंद करने का निर्णय असंवैधानिक है.
चालू सत्र के दौरान स्कूल को बंद करने के फैसले से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव के कारण ही स्कूल को बंद करने का फैसला किया गया है.”
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